Tuesday, 17 January 2017

शायद भगवान् ही हूँ मैं

याद करते हो मुझे तब जब तुम्हें मेरी ज़रूरत है तो लगता है शायद भगवान् ही हूँ मैं... और फिर भूल जाते हो जैसे की भगवान् को भूल जाने का प्रावधान है स्वार्थ सिद्धि के बाद! शायद तुम्हारे लिए आम बात हो पर ऐसा करके तुम मुझे मेरे भगवान् होने का आभास करा देते हो. कई मायनो में ये अच्छा भी है. ऐसा करके तुम मेरे स्वनिर्धारित आत्म-महत्त्व का जो इज़ाफ़ा करते हो ... कसम से, तुम मुझमे सर्वशक्तिमान होने का भाव भर देते हो. समझते खुद को तुर्रमखां हो पर चालाकी में भूल जाते हो कि चाणक्य अनुयायी हम भी है.

गलती तुम्हारी नहीं. शायद तुम्हे लगता हो की मंदिर में माथा टेक कर, पुजारी जी के सामने नतमस्तक होकर और दान पिंड में 501 रूपए (नयी करेंसी वाले) चढ़ाकर तुमने भगवान् को प्रसन्न कर लिया. चालाकी कर ली. पर शायद तुम्हारा भगवान् को प्रसन्न करने का modus operandi सैधांतिक रूप से असफल तब हो जाता है जब तुम ये भूल जाते हो की भगवान् चाहे जितने भी भोले हों (भोलेनाथ जैसे), उनको खुश करने के लिए सालों तपस्या करनी पड़ती है. रावण तो रगों में है तुम्हारे पर शिव स्त्रोत कंठाग्र करने से भी जी चुराते हो?  कैसे मानेंगे मेरे अंतरात्मा के बम भोले कि तुमपे विश्वास कर लूं? आखिर कैसे?

समुद्र मंथन होता है तो हलाहल चुपके से सरका देते हो मेरे डाइनिंग टेबल पे. सोचते हो मुझे पता नहीं चलेगा. मैं जान बूझ कर पी भी लेता हूँ swagger में. वैसे मुझे उतना फरक भी नहीं पड़ता. कोई नयी बात नयी है हँसकर टाल देना मेरे लिए इसको की तुमने cool बनने की हर बार की तरह एक बार और असफ़ल कोशिश की. फरक बस इतना हो जाता है कि  पौराणिक समुद्र मंथन बस एक बार हुआ था और कलयुगी समुद्र मंथन हर एक कलयुगी के साथ हर दिन होता है.

Causal Analysis के अनुसार Casual relationships are usually identified as average effects, but may not apply to every individual. ये mention करना भी ज़रूरी है की Casual Analysis को "gold standard" माना जाता है Data Science में. साधारण शब्दों में धारणा नहीं बनानी चाहिए किसी भी चीज़ की. इस ज्ञान के भान के बाद भी जब retrospect में देखता हूँ तो लगता है की तुम नहीं होते तो ख़ुद के भगवान् होने का अनुभव नहीं कर पाता मैं. तुम ज़रूरी हो मेरे लिए. मेरे सेल्फ ओबसेशन के लिए.

समय नही बच पाता अब उतना की समय बिता सकूँ इन वैचारिक मानदंडो पर. कमी होना भी ज़रूरी है. समय की कमी हो या तुम्हारे वफ़ा(दारी) की. मुझे भगवान् बना देने का शुक्रिया. ये सब नहीं करा सकते. तुमको धन्यवाद इसका.

अगर पढ़ते पढ़ते यहाँ तक पहुँच गए हो तो एक सुझाव मान लो. फ्री हो अगर तो youtube पे "I took a pill in Ibiza" वाला गाना सुन लो... incredibly deep है. काफी सारी बातें हो गयी  हैं या कह दी गयी हैं उस 4 मिनट के  गाने में और अगर feel ना हो depth तो फिर "The Chainsmokers - Closer (Lyric) ft. Halsey" ही सुन लो. तुम्हारी ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है क्यूंकि शायाद भगवान् ही हूँ मैं.

दर्शन तब दूंगा जब मेरा मन करेगा. तपस्या में लीन रहना तबतक. या ऐसा करो रहने ही दो. तुमसे ना हो पाएगा.

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